भारत एक ऐसा देश है जहां हर धर्म के लोगा रहते है और सब के अलग अलग त्योहार है | आये दिन हम कोई न कोई त्योहार मनाते ही रहते है |
परन्तु त्यौहार कोई से भी धर्म के हो मानते सब मिला जुला कर है | ऐसा ही एक त्यौहार है गणेश चतुर्थी ,इस त्यौहार को सब धर्म के लोग बड़ी धूम धाम से मानते है ,और गणेश जी की पूजा करते है |
गणेश चतुर्थी से शुरू हो कर यह त्यौहार अनन्त चतुर्दशी तक मनाया जाता है |
आइए जानते है गणेश चतुर्थी के बारे में
गणेश चतुर्थी कब मनाई जाती है
गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है |
यह चतुर्थी से ले कर अगले 10 दिन अनन्त चतुर्दशी तक बड़ी धूम धाम से मनाए जाती है | इस साल गणेश चतुर्थी 31 अगस्त 2022 को है ,और अनन्त चतुर्दशी 9 सितम्बर को है |
क्यों मानते है गणेश चतुर्थी
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान शंकर और पार्वती के पुत्र गणेश जी का जन्म हुआ था तो इस दिन को भगवान गणेश का जन्म दिन के रूप में मनाया जाता है |
गणेश चतुर्थी के दिन लोग भगवान गणेश की पूजा करते है और इस दिन से ले कर अगले 10 दिन तक गणेश जी की पूजा की जाती है |
गणेश चतुर्थी के दिन लोग गणेश जी की मूर्तिया अपने घर ले कर आते है और 10 दिन तक उनकी पूजा करते है 10 दिन के बाद गणेश जी की मूर्ति काविसर्जन कर देते है |
क्या है गणेश चतुर्थी का मुहूर्त
इस साल गणेश चतुर्थी 31 अगस्त 2022 को है | कहा जाता है की मूर्ति को हमेश ही शुभ मुहूर्त पर ही घर ले कर आना चाहिए | तो इस बार का शुभ मुहूर्त इस तरह से है
भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि शुरू – 30 अगस्त 2022, दोपहर 3.33 मिनट से भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि खत्म – 31 अगस्त 2022, दोपहर 3.22 मिनट तक
गणेश जी स्थापना मुहूर्त – 11.05 AM – 1.38 PM (31 अगस्त 2022, बुधवार)
विजय मुहूर्त – दोपहर 2.34 – 3.25 (31 अगस्त 2022)
अमृत काल मुहूर्त – शाम 5.42 – 7.20 (31 अगस्त 2022)
गोधूलि मुहूर्त – शाम 6.36 – 7.00 (31 अगस्त 2022)
गणेश चतुर्थी की शुरुआत कब हुए
गणेश चतुर्थी की शुरुआत 1630-1680 के दौरान छत्रपति शिवाजी के समय में हुई थी | उस समय यह एक सार्वजनिक समारोह के रूप में मनाया जाता था |
1893 में बाल गंगाधर तिलक ने इस त्यौहार को एक सार्वजनिक रूप दे दिया ताकि गणपति पूजन के माध्यम से हिंदूओं में फैली असामाजिकता को दूर किया जा सके | यह एक आंदोलन बना और स्वतंत्रता आंदोलन में इस गणेशोत्सव ने लोगों को एक जुट करने में अहम भूमिका निभाई थी |
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कहाँ मनाया जाता है गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी का त्योहार महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु के साथ साथ पूरे भारत में काफी धूम धाम से मनाया जाता है |
परतुं महाराष्ट्र में इसे विशेष रूप से मनाया जाता है | यहां पुरे 10 दिन तक बड़ी धूम धाम होती है चारो तरफ गणपति के नाम की गूंजा सुनाई देती है |
10 दिन क्यों मनाते है गणेश उत्सव
पौराणिक कथा के अनुसार भादो की गणेश चतुर्थी पर महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत की रचना के लिए गणेश जी का आह्वान किया था और उनसे महाभारत को लिखने की प्रार्थना की |
मान्यता के अनुसार इसी दिन व्यास जी ने श्लोक बोलना और गणेश जी ने महाभारत को लिखना शुरू किया था | 10 दिन तक बिना रूके गणेश ने लेखन कार्य किया | इस दौरान गणेश जी पर धूल मिट्टी की परत जम गई |
10 दिन बाद यानी की अनंत चतुर्दशी पर बप्पा ने सरस्वती नदी में कर खुद को स्वच्छ किया | तब से ही हर साल 10 दिन तक गणेश उत्सव मनाया जाता है |
गणेश पूजन की विधि
- गणेश चतुर्थी के दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर नाहा ले |
- गणेशजी की प्रतिमा की स्थापना करें और उत्तर की तरफ मुख करके आसन पर बैठें |
- इसके बाद गणेश यंत्र की स्थापना करें और मंत्रों का जप करते हुए चारों तरफ गंगाजल का छिड़काव करें |
- इसके बाद दूर्वा समेत पूजा सामग्री भगवान को अर्पित करें और फिर हाथ में चावल लेकर कथा सुनें |
- कथा सुनने के बाद गणेशजी को मोदक का भोग लगाएं और गणेश चालीसा का पाठ करें |
- अंत में घी के दीपक से भगवान गणेश की आरती उतारें |
- जो लोगा इस दिन व्रत रखे वो इस दिन एक समय का ही भोजन करें और पूरे दिन भजन कीर्तिन और दान करते रहें |