आपने ध्यान दिया होगा की हम एक काम शुरू तो कर लेते हैं, पर उसे “3-4 दिन” कर के बंद कर देते हैं । फिर कुछ सोच कर नया कुछ पकड़ लेते हैं ।
फिर ध्यान आता है की हम ”रास्ता भटक” गए हैं क्योंकि ” समय तो निकल ” चुका होता है, या “कम बचा होता है’ । तब हम सोचते हैं की time par kam kaise kare फिर एक प्लान बनाते है।
प्लान “3-4 दिन” चलता तो है उसके बाद बत्ती गुल , फिर वापस याद आता है की अब time par kam kaise kare ?
इस से होता यह है की ‘’आप एक भी काम पूरा” नहीं कर पाते हो या फिर ‘’काम में कमी’’ रह ही जाती है। आप के साथ भी ऐसा कुछ हुआ है “कमेंट में जरूर अपने किस्से सुनाएँ” ।
Table of Contents
यहाँ हम बात करेंगे
Sapne na Dhekte rhen unhen kren bhi
Dhyan kese bhataktaa hai
kyun kam bad men boring ban jata hai
kab kre kaam shuru ? kese kre kam proper planning ke sath ?
kaam ko samya par pura kese kren ya time par kam kaise kare?
Sapne na Dhekte rhen unhen kren bhi
कभी – कभी तो ऐसा होता है आप सपने देखते हो पर उसे सच करने के लिए नहीं लड़ते। अंत तक वो सपना बस सपना ही रह जाता है। तो अगर आप का मन है तो आप कीजिए शुरू।
जैसे पूनम को boutique खोलने का सपना है पर वो हमेशा सोच कर रह जाती है। तो सोचिये जब तक वो रुकेगी तब तक रुकी ही रहेगी क्यों ना वो उसे पूरा कर के देखे?
हाँ पर शुरू कर के रुकना मना है ।
क्या करना है check कीजिये बाकी svamee परिवार तो है ही आप के लिए आप के साथ। जो सोचा है उसे करना भी है या नहीं ये आप इस आर्टिकल के बाद समझ जाओगे।
इस से होता ये है की आप के मन में हमेशा रह जाता है की मुझे वो करना था और में ये कर रहा हूँ। इसमें आप कहीं भी “focus” नहीं कर पाओगे।
‘’kaam ko kese poora kren yaa kaam ko samay par kese kren’’ यह एक ऐसा सवाल है जो सब के दिमाग में आता है।
कारण हम काम एक दिन करते हैं, अगले दिन हमारा दिमाग उस काम को करने से मना कर देता है।
हमारा ध्यान कहीं ओर चला जाता है। फिर एक नया शौक उभर कर आता है।
Dhyan kese bhataktaa hai
याद रखिये ध्यान तभी कहीं और जाता है जब वो काम “boring” हो और हमें कुछ दे जाता हो। साथ ही हमारे पास कोई बहुत “interesting” काम भी हो।
Boring kam :-
वो काम जिन से हमें भविष्या में फायदा हो जैसे :- पढ़ना , gym जाना , योगा करना , किसी चीज़ की practice करना आदि।
करते समय बस मन में एक ही ख्याल आता है की ये kaam ko kese poora kren or kam ko kese jldee kren ?
Interesting kam ;-
वो काम जो अभी तो अच्छा फील करवा रहे हैं । पर उनसे फायदा होने का चांस बहुत कम है। जैसे :- TV देखना , ऑनलाइन गेम खेलना , पड़े रहना , सोशल मीडिया में कुछ भी देखते रहना।
आप को करने तो दोनों ही चाहिए पर proper planning ke sath.
क्या कारण है की जब हम काम लेते हैं तो अच्छा लगता है पर उसे करते समय मज़ा नहीं आता (kyun kam bad men boring ban jata hai )?
1) आप एक काम को तब शुरू करते हो जब कोई और उस काम में अच्छा कर रहा हो। इसमें भी मुख्यतः पैसे ही देख के काम करते हैं।
जैसे किसी बड़े youtuber से मिल के आप को भी लगेगा की में भी शुरू कर दूँ। पर आप ये नहीं सोचोगे की क्या आप चाहते भी हो ऐसा कुछ ?
2) ज्यादा motivate हो के या मूड के हिसाब से काम ले लेने से भी ऐसा ही होता है।
जैसे जब लक्ष्मी की मम्मी घर जा रही थी तो उसका मूड अच्छा था उसने कहा में खाना बना लुंगी पर जब नार्मल मूड हुआ तो समझ आया की उसे ये नहीं पसंद। तो २-३ दिन में ही उसने ये छोड़ दिया।
ऐसा क्यों क्योंकि उसे खाना बनाना नहीं पसंद पर उस समय उसने बोल दिया और जब realize हुआ तो उसने काम छोड़ दिया। क्या उसने apna goal achieve किया ?
क्या ऐसा आप के साथ भी हुआ है ?
तो आखिर kab kre kaam shuru ? kese kre kam proper planning ke sath ?
पहले आप ये समझिये की आप कोई काम कर क्यों रहे है ? क्या आप वो करना भी चाहते हैं या बस किसी और को देख के आप कर रहे हैं ? फिर काम को plan कीजिए ।
ये जानने के लिए नीचे दिए बिंदुओं को पढ़िए और समझिये आप वो काम करना चा
हते हैं या नहीं ?
1) उदेस्या समझें :-
कुछ भी करने से पहले समझना जरूरी है की आप इसे कर क्यों रहे हो ? साथ ही इस kaam ko kese poora kren ya Time Par Kam Kaise Kare ?
कहीं कुछ ऐसा तो नहीं जिसके बारे में आप को कुछ पता ही नहीं है। तो पहले काम ढंग समझें तब उसे हाथ में लें और पूरा करें।
साथ ही ये जानना भी जरूरी है की koi bhi kam kab suru krna hai और उस kam ko kese pura knaa hai।
२) Mood :-
आप कोई काम ले रहे हो तो उस समय देखें की आप का Mood कैसा है। कहीं ऐसा तो नहीं आपने वो काम ऐसे समय में लिया जब आप बहुत ज्यादा खुश या दुखी थे ?
आपका मूड हमेशा एक जैसा नहीं रहेगा। हमेशा याद रखें जब मूड बहुत अच्छा हो या जब मूड बहुत खराब हो तब कोई काम ना लें।
३) Motivation :-
हमेशा तो पॉजिटिव और अपने goals के प्रति समर्पित रह नहीं सकते। कभी ना कभी आप भटक ही जाओगे आप को लगेगा नहीं होगा।
आप हिम्मत हार जाते हो घुटने टेक जाओगे। ऐसे में थक कर बैठ जाओगे। ऐसे में आप हिम्मत ना हारें खड़े हो जाएँ हल्का घूम के आएं।
साँस भरें खुद से लड़ें और तब तक लड़ें जब तक जीत नहीं जाते। खुद से पूछा करो अब इस kaam ko kese pura kren ?
4) रास्ता :-
आप जहां जाना चाहते हैं पहले उसका एक “road मैप बना लें”। यानि पहले समझ लें और खुद से पूछ लें
जब आप को इन सभी सवालों के जवाब हाँ में मिल जाएँ तो आप काम शुरू कर सकते है। ध्यान रहे ये सब long term goals achieve ke liye है।
हर long term goal छोटी छोटी चीज़ों से ही मिलता है।
अब आप त्यार हैं ये जानने की लिए की kaam ko samya par pura kese kren ya time par kam kaise kare?
1) निरंतरता :-
kisi bhi kaam ko kese poora kese kren ये इस पर भी निर्भर करता है की आप कितने दिन उस काम को कर रहे हैं। अगर आप एक काम एक हफ्ते कर के छोड़ दोगे तो सफलता नहीं मिलेगी ।
सफलता के लिये आप को काम को हर रोज़ करना पड़ता है। उदहारण के लिए अगर आप को अच्छे नंबर से पास होना है तो रोज़ पढ़ना होगा। जहां आप एक बार रुके आप रुकते ही चले जाओगे।
तो कोशिश ये ही रखें की आप काम को पूरा करें और बीच में ना छोड़ दें।
2) खुद को विजेता की तरह देखें :-
सोचें की आपने अपना goal achieve कर लिया है। फिर देखें आप को कितनी ख़ुशी मिलेगी और सोचें ये ख़ुशी पाने के लिए ही क्य- क्या करना है। जब भी काम करने का मन ना हो तो उस ड्रीम के बारे में सोचें।
अगर कोई और काम भी आये तो अपने सपने और उसे compare करो किसमे ज्यादा ख़ुशी है। फिर आप ‘’कदम बढ़ाओ’’। ऐसे में आप
– सही रह पर चल पाओगे
– समय बचा पाओगे
– Motivate रहोगे
जैसे लक्ष्मी को DU में admission चाहिए तो उसे उस सपने के बारे में सोच के पढ़ना चाहिए। जब वो उसे acheive करेगी तो कैसा फील होगा ये फील ले के पढ़ना चाहिए। यकीन मानिये उसका काम भी टाइम पर होगा और वो Goal achieve कर लेगी।
3) एक समय पर एक ही goal ;-
जब हम बहुत सारी जगह हाथ मारने की कोशिश करते हैं तो अंत में अपने हाथ को ही चोटिल करते हैं।
इसके बाद हमें जो मिलता है वो ‘’थोड़ा थोड़ा यानी ना के बराबर’’। इसलिए एक ही जगह फोकस करें। ऊपर दिए पॉइंट को दोबारा पढ़ें और समझें क्या है जरुरी ?
साथ ही एक साथ कई चीज़ों पे focus करने से आप demotivate जल्दी हो जाते हैं। इसका मुख्या कारण है समय ना दे पाना।
आप एक चीज़ को समय ही नहीं दे पाते दूसरे में कूद जाते हो तो आप कुछ भी achieve नहीं कर पाते।
4) अनुशासन ;-
किसी भी चीज़ को पूरा करने के लिए अनुशासन बहुत ज़रूरी है। जब तक आप खुद पे कण्ट्रोल नहीं करोगे तब तक आप interesting कामों में ही फंसे रहोगे boring काम की तरफ से तो मुँह माउद लोगे। boring aur interesting kam me upr btaa chukaa hun ।
तो खुद ही खुद के ट्रेनर बनें। goal पे फोकस रखें और सोचें की kaam ko samya par poora kese krun ?
5) बुरी आदतों से दूरी रखें :-
जब भी अपने goal को achieve करने जाते हो तो आप को काफी चीज़ें रास्ते में रोकती है। उन्हें बुरी लत या बुरी आदतें भी कहते हैं। आप को इन से बचना है।
ये कुछ भी हो सकती है दारू, नशा , पोर्न , आवारा घूमना , गलत जगह जाना आदि।
जैसे किसी का goal है weight loose करने का तो उसे खाना अपनी और खींचेगा ये उस के ऊपर है कब तक इस से बचता है। अगर वो बचने में सफल रहा तो ठीक नहीं तो 1 हफ्ते बाद वो डायटिंग ही बदल देगा।
10 में से 8 बार काम समय पर नहीं हो पाता बुरी लतों की वजह से।
स्मार्ट वर्क भी जरूरी :-
जरूरी नहीं हर काम hard-work से ही हो कुछ smartwork से भी हो जाते हैं। तो सारे रस्ते देख लें। चेक करें कौन सा रास्ता सही है apne goals achieve krne ke liye ।
नज़र बनाये रखें सभी चीज़ों पे और हर बदलाव को ध्यान से देखें और समझें।
अंत में conclusion:-
एक काम लें पर पूरा समय दें। काम बड़ा है या छोटा है में ना उलझें उसे पढ़ें और समझें। फिर जब समझ आ जाये तो लग जाएँ ओर तब तक लगे रहें जब तक मंज़िल ना मिले।
ऐसे बहुत से लोगों के जीवन से आप समझ सकते हो जिन्होंने बहुत बुरे दौर देख कर अच्छे दिन देखे जैसे डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम आप देखिये कैसे उन्होंने अपने ”goal achieve” किये।
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